उवसग्गहरं स्तोत्र अर्थसहित (Jain Stotra)

जिन करुणाकर आचार्य भद्रबाहु के संघ द्वारा संघ के कल्याणकारक यह उवसग्गहरं स्तोत्र निर्मित किया गया हैं, वे गुरु भद्रबाहु सदा जयवन्त हों.

क्या जैन हिन्दू है? Jain & Hindu

भारत के किसी भी प्राचीन धार्मिक या अन्य साहित्य में हिंदू इस शब्द का प्रयोग धर्म के अर्थ में किया नहीं गया है. वास्तव में…