आचार्य विजय धर्मधुरन्दर सूरी

भाग्यशाली तो वह है जो कर्म से जैन होते हैं…

मनुष्य जन्म नहीं बल्कि कर्म से महान बनता है. इसी प्रकार मनुष्य जन्म से नहीं बल्कि आचरण से जैन बनता है. इसलिए जैन कुल में…