भक्तामर स्तोत्र | Bhaktamar Stotra

भक्तामर स्तोत्र (संस्कृत)| Bhaktamar Stotra

भक्तामर स्तोत्र का जैन धर्म में बडा महत्व है. आचार्य मानतुंग का लिखा भक्तामर स्तोत्र सभी जैन परंपराओं में सबसे लोकप्रिय संस्कृत प्रार्थना है

उवसग्गहरं स्तोत्र अर्थसहित (Jain Stotra)

जिन करुणाकर आचार्य भद्रबाहु के संघ द्वारा संघ के कल्याणकारक यह उवसग्गहरं स्तोत्र निर्मित किया गया हैं, वे गुरु भद्रबाहु सदा जयवन्त हों.

णमोकार मंत्र की विशेषताएं

इस मंत्र की एक विशेषता यह भी है कि इसमें किसी प्रकार की याचना नहीं की गई है. केवल निःस्वार्थ भाव से पंच परमेष्ठी के…

मेरी भावना | Jain Prayer

मैत्री भाव जगत में मेरा सब जीवों से नित्य रहे दीन-दुखी जीवों पर मेरे उर से करुणा स्रोत बहे दुर्जन क्रूर - कुमार्गरतों पर, क्षोभ…