आचार्य शांतिसागर: दिगंबर मुनि परंपरा के अग्रदूत

आचार्य शांतिसागर जी ने जैन धर्म के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उन्हें "चरित्र चक्रवर्ती" (सद्गुणों के सम्राट), "मुनिराज" (साधुओं के राजा) और "शीलसिंधु" (आचरण…
Bhamashah and Maharana Pratap

भामाशाह: महाराणा प्रताप के सच्चे साथी

भामाशाह का जन्म 29 अप्रैल 1547 को एक प्रतिष्ठित ओसवाल जैन परिवार में हुआ था. उनके पिता भारमल मेवाड़ के राजा उदय सिंह द्वितीय के…
यापनीय संप्रदाय

यापनीय संप्रदाय: जैन धर्म का भूला-बिसरा अध्याय

यापनीय संप्रदाय जैन धर्म के इतिहास का एक रोचक अध्याय है, जो जैन परंपराओं में विविधता और लचीलेपन को दर्शाता है. यह संप्रदाय आज भले…
Jain Hand

दलित और आदिवासियों को जैन धर्म अपनाना चाहिए!

महावीर सांगलीकर jainway@gmail.com जैन धर्म: एक बेहतर विकल्प……. भारत में दलित और आदिवासी समाज एक महत्वपूर्ण सामाजिक समूह हैं, जिनका अस्तित्व सदियों से अनेक सामाजिक,…
सम्प्रदायवाद ले डूबेगा जैन समाज को!

सम्प्रदायवाद ले डूबेगा जैन समाज को!

वास्तव में सम्प्रदायवाद कलहप्रियता का लक्षण है. कलहप्रियता एक मानसिक विकृति है. इसका सीधा मतलब यह है कि सम्प्रदायवादी लोग मनोरुग्ण हैं, इस बात को…
धार्मिक कट्टरतावादियों के लक्षण | हर धर्म खतरे में !

धार्मिक कट्टरतावाद | हर धर्म खतरे में !

हर धर्म के कट्टरतावादी अनुयायी मानते हैं की उनका धर्म विज्ञान के अनुसार है. भले ही यह अनुयायी विज्ञान क्या है और उनका धर्म क्या…
Suparshwanath

मातंग वंश और जैन धर्म

मातंग वंश का इतिहास गौरवशाली और प्राचीन है, लेकिन इसपर ज्यादा शोध कार्य नहीं हुआ है. जो कुछ शोधकार्य हो गया है है वह बौद्ध…
Victory

जैन युवकों को सेनाओं में शामिल होना चाहिए….

भारतीय सेना में जैन समाज की भागीदारी कोई नयी बात नहीं है. हमारे इतिहास में कई उदाहरण हैं, जब जैन योद्धाओं, सेनापतियों और नायकों ने…