
महावीर सांगलीकर
क्या आप सेक्स वर्कर्स के बारे में किसी भी तरह की चर्चा करना पसंद करते है ? शायद आपका जवाब होगा ‘नहीं’.
लोग आमतौर पर इस तरह की चर्चाओं को सभ्य समाज का हिस्सा नहीं मानते. सेक्स वर्कर्स आज भी हमारी समाज में अछूत है उनका जीवन तथाकथित सभ्य समाज में जानवरो से भी बदतर माना जाता है. उन्हें अपनी पहचान छुपानी पड़ती है.
चंदनबाला की कहानी
आपने वैशाली की नगर वधू आम्रपाली की कहानी सुनी होगी जिसे गौतम बुद्ध ने अपने साध्वी संघ में सम्मिलित किया था, पर क्या आप चंदनबाला की कहानी जानते हैं ?
चंदनबाला जैन तीर्थंकर महावीर की शिष्या थी जो स्वयं परिस्थितियों के प्रभाव स्वरुप सेक्स वर्कर बनने वाली थी पर बाद में महावीर से दीक्षा लेकर जैन साध्वी हो गई. बाद में महावीर ने चंदना को साध्वी संघ की संचालिका बना दिया.
चंदनबाला ने जैन साध्वी बनने के बाद देश के अलग-अलग वेश्यालयों में घूम-घूमकर करीबन 30000 यौनकर्मियो को यौनकर्म के कार्य से आजाद कराया. इन सभी यौनकर्मियो ने बाद में महावीर के पास दीक्षा लेने की भावना रखी और धार्मिक इतिहास में पहली बार 30,000 यौनकर्मी एकसाथ जैन साध्वियां बनी.
वेश्या व्यवसाय के लिए लाखों युवतियों का अपहरण
दुनियाभर में वेश्या व्यवसाय के लिए लाखों युवतियों का अपहरण किया जाता है. इसके खिलाफ आवाज उठाने के लिए साध्वी सिद्धाली श्री ने Stopping Traffic इस मुव्हमेंट की शुरुआत की. Stopping Traffic इस डॉक्युमेन्ट्री फिल्म का निर्माण किया जिसे कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, और जिसे लाखों लोगों ने देखा. इस डॉक्युमेन्ट्री में भगवान महावीर का सन्देश और णमोकार मन्त्र भी दिया गया है.
यौनकर्मियो को हम गलत नजर से देखते हैं पर यह वह शख्स होती है जो हमारी समाज को असभ्यता के कलंक से बचाती है, अमानुषिक कृत्यो से समाज को बचाने में यौनकर्मियो की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है.
आज दुनिया में करीब 3 करोड़ यौनकर्मी है, अमेरिका में जैन आचार्य योगीश व उनकी शिष्या साध्वी सिद्धाली, साध्वी अनुभूति सेक्स वर्कर्स के जीवन परिवर्तन को आगे बढ़ा रहे हैं.
एशिया, अमेरिका, यूरोप में घूम-घूमकर साध्वी सिद्धाली ने मानव तस्करी को समझा है और सेक्स वर्कर्स के जीवन को नजदीक से देखा-जाना है. अब उनका जीवन स्तर उन्नत बनाने के लिए कार्य कर रही है.

साध्वी सिद्धाली श्री की विशेषता यह है की वह पहले अमेरिकन सेना में सैनिक थी और जिसने इराक से हुए युद्ध में सहभाग लिया था. बाद में उसने आचार्य योगीश से साध्वी दीक्षा ली.
आचार्य योगीश प्रसिद्ध जैन मुनि है जिनका जन्म हरियाणा के एक गांव में राजपूत परिवार में हुआ, दीक्षा लेकर योगीश अमेरिका आ गए और आज यूरोप और उत्तर अमेरिका के कुछ देशों में जैन धर्म और अध्यात्म का प्रचार कर रहे हैं. अमेरिका में पहला जैन तीर्थ सिद्धायतन आपने ही बनवाया है जहां अध्यात्म और योग की शिक्षा दी जाती है.
साध्वी सिद्धाली श्री जी के बारे में अधिक जानने के लिए साध्वी सिद्धाली श्री: आध्यात्मिकता और सामाजिक सक्रियता का संगम यह लेख पढिये.
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