महावीर सांगलीकर
jainway@gmail.com
क्या जैन हिन्दू है? जैन धर्म और हिन्दू धर्म, जैन समाज और हिन्दू समाज क्या अलग अलग है? या एक ही है? कई लोग इनको अलग-अलग मानते हैं, तो कई लोग दोनों को एक ही मानते है. इस विषय के बारे में लोगों में ढेर सारी गलतफहमियां हैं, जो जादातर अभिनिवेश, कट्टरता, पूर्वाग्रह और अज्ञानता के कारण है. सच्चाई जानने के लिये हमें तटस्थ भाव से विचार करना पडेगा.
तो आईये, सबसे पहले हम देखते हैं कि जैन क्या है? और हिंदू क्या है?
हिन्दू क्या है?
भारत के संविधान में, कानून में, जनगणना में हिंदू यह एक धर्म माना गया है. समाज भी ऐसा ही मानता है. यह ठीक ही है. लेकिन हिंदू यह किसी एक धर्म का नाम नहीं है, बल्कि कई अलग अलग धर्म और सम्प्रदायों के एकत्रित समूह का नाम है. हिंदू धर्म के अंतर्गत शैव, वैष्णव, शाक्त, स्मार्त आदि प्रमुख संप्रदाय और दर्शन आते है. इन सबकी मुख्य देवतायें अलग अलग है. जैसे कि शैवों की मुख्य देवता शिव है, जब कि वैष्णवों की मुख्य देवता विष्णु है.
भारत के किसी भी प्राचीन धार्मिक या अन्य साहित्य में हिंदू इस शब्द का प्रयोग धर्म के अर्थ में नहीं गया किया है. वास्तव में हिंदू यह शब्द एक प्रदेश वाचक शब्द है. इस शब्द का संबंध सिंधू इस शब्द से और सिंधू घाटी की सभ्यता से है. अरबी और फारसी भाषा में हिंदू शब्द का अर्थ प्रदेश वाचक ही है. हिंदू शब्द का सीधा-साधा अर्थ ‘भारतवासी’ या ‘हिंदुस्थानी’ यही है! मतलब साफ है, हर भारतवासी हिंदू ही है, लेकिन केवल तब, जब हिंदू इस शब्द का प्रयोग धर्म के अर्थ में नहीं किया जाता!
जैन क्या है?
जैन एक धर्म है, ना कि कई अलग अलग धर्मो और विचार धाराओं का समूह, ना ही किसी धर्म का सम्प्रदाय. जैन यह प्रदेशवाचक शब्द भी नहीं है. यह शब्द ‘जिन’ इस प्राचिन भारतीय शब्द से बना है, जिसका अर्थ है ‘जिसने अपने विकारों को जीत लिया’. जो लोग जिन के अनुयायी, वही जैन है.
क्या जैन हिंदू है?
तो क्या जैन हिंदू है?
इसके दो उत्तर है. पहला उत्तर यह है कि जैन हिंदू ही है, अगर हिंदू शब्द का अर्थ प्रदेशवाचक है. लेकिन अगर हिंदू का मतलब धर्म है, तो जैन हिंदू नहीं है! क्यों कि जैन ना तो शैव है, और ना ही वैष्णव, और ना ही वह हिंदू धर्म के अंतर्गत आनेवाले किसी भी संप्रदाय के अनुयायी.
क्या जैन हिन्दू है? वास्तवता पर ध्यान दें….
लेकिन यहां हमें इस बात पर भी ध्यान देना चाहिये समाज के तौर पर जैन समाज और हिंदू समाज कोई अलग अलग समाज नहीं है. इसे सहजता से सिद्ध किया जा सकता है.
हमें इस बात को हमेशा ध्यान में रखना होगा कि जैन समाज के कई सारे अनुयायी एक तरफ जैन धर्म का पालन करते हैं, तो दूसरी ओर हिंदू धर्म का भी पालन करते हैं. इसी प्रकार हिंदू समाज के कई सारे लोग एक ओर हिंदू धर्म पालन करते हैं तो दूसरी ओर जैन धर्म का भी पालन करते हैं.
दोनों धर्मों की संस्कृति में कई सारी समानताएं हैं.
भारत के कई राजवंशों में जैन और हिंदू यह दोनों धर्म पाले जाते थे. जैसे कि चालुक्य, राष्ट्रकूट, गंग, कदंब, होयसल, शिलाहार, देवगिरि के यादव, सिसोदिया, चौहान आदि.
भगवान ऋषभदेव, राम, कृष्ण, आदि महापुरुष जैन और हिन्दू इन दोनों धर्मों के अनुयायियों के लिये पूजनीय हैं. भगवान शिव और भगवान ऋषभदेव में इतनी सारी समानतायें है कि कई लोग इन्हे एक ही व्यक्ति मानते हैं. जैन धर्म के 22 वे तीर्थंकर नेमिनाथ और भगवान श्रीकृष्ण चचेरे भाई थे.
क्या जैन हिंदू है?
● इतिहास साक्षी है जैन समाज के कई सारे महान आचार्य, साधू, साध्वियां, मुनिगण, आध्यात्मिक महापुरुष आदि का जन्म जैन घरों में नहीं बल्कि हिंदू घरों में हुआ था. आज भी जैन धर्म के कई आचार्य, साधू-साध्वियां आदि जन्म से जैन नहीं हैं, बल्कि उनका जन्म हिंदू घरों में हुआ है. इसकी एक बडी लंबी सूचि बनायी जा सकती है.
> यहां मैं उदाहरण के तौर पर कुछ नामों का उल्लेख करना चाहूंगा: आचार्य विजयानंद सूरी, आचार्य विजय इंद्र दिन्न सूरी, गच्छाधिपति दौलत सागर सूरी जी, आचार्य योगीश, मुनि बुद्धिसागर, आचार्य विजय धर्म धुरंधर सूरी, श्रीमद राजचंद्र, मुनि मायाराम, उपाध्याय अमर मुनि, सुशिल मुनि, उपाध्याय ध्यान सागर, क्षुल्लक गणेशप्रसाद जी वर्णी, रमणीक मुनि, सुभद्र मुनि, कुलरत्न भूषणजी आदि.
● जैन मुनि हिन्दू धर्म का अच्छा ज्ञान रखते हैं, इसी प्रकार हिन्दू साधू भी जैन धर्म का अच्छा ज्ञान रखते हैं.
> भारत की कई जातियां ऐसी हैं जिनमें जैन और हिंदू इन दोनों धर्मों के अनुयायी बडी संख्या में पाये जाते हैं, और उनमें विवाह संबंध भी होते रहते हैं. जैसे जाट, पटेल, अग्रवाल, खत्री, बंट, श्रीमाली ब्राम्हण, वक्कलिग गौडा, कासार, मातंग, लोहाना आदि.
● दादा भगवान सम्प्रदाय में त्रिकूट मंदिर होता है. इसमें मुख्य मंदिर सीमंधर स्वामी का होता है, बाकी दो मंदिर भगवान शिवजी और भगवन श्रीकृष्ण का होता है.
● यूरोप और अमेरिका में कई हिन्दू-जैन मंदिर हैं, जहां हिन्दू और जैन इन दोनों धर्मों इस संबधित मूर्तियां होती है.
क्या जैन हिंदू है?
इस विषय के कई सारे पहलु है, जिस पर मैं अपने विचार लिखता रहूंगा.
वैसे मैं यह जानना चाहूंगा कि इस लेख के बारे में आप क्या सोचते हैं? कृपया नीचे कॉमेंट बॉक्स में आपके विचार लिखें.
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