धार्मिक स्थलों के दस्तावेज और अल्पसंख्यकों की सुविधाओं पर जन-जागरूकता

ई. (डॉ.) प्रकाश जैन बड़जात्या

संपर्क: 9850630326, ईमेल: pbarjatia@gmail.com


गिरनार तीर्थक्षेत्र पर कुछ असामाजिक समूहों द्वारा अधिग्रहण के साथ ही कुछ दिन पहले विले-पार्ले (मुंबई) के जैन मंदिर के सुनियोजित षड्यंत्र द्वारा अन्यायपूर्ण तरीके से तोड़ दिया जाना; आदि कुछ ऐसे मुद्दे हैं, जिनसे सीख कर हम अपने धार्मिक स्थलों की रक्षा कर सकते हैं.

हाल ही में जैन इंजीनियर सिंघ सोसायटी फाउंडेशन (JESF) ने एक विशेष समिति का गठन किया है, जिसका उद्देश्य है – हमारे धार्मिक स्थलों का दस्तावेजीकरण करना और जैन समाज सहित सभी अल्पसंख्यक समुदायों को मिलने वाली सुविधाओं के प्रति जन-जागरूकता फैलाना है.

वर्तमान समय की आवश्यकता
आज भारत सरकार धार्मिक स्थलों की संपत्तियों और उनके कानूनी अधिकारों को गंभीरता से देख रही है. यदि किसी मंदिर, स्थानक या तीर्थ की जमीन के स्पष्ट दस्तावेज नहीं हैं, तो ऐसी संपत्तियां सरकार द्वारा अधिग्रहित की जा सकती हैं.

यह स्थिति विशेष रूप से जैन समाज के लिए चिंताजनक है क्योंकि हमारे कई तीर्थस्थल और मंदिर सदियों पुराने हैं, जिनके दस्तावेज समय के साथ नष्ट हो गए या खो गए हैं. पहले राजाओं द्वारा दी गई जमीनें अब कुछ परिवारों के पास रह गई हैं, लेकिन उनके पास भी प्रामाणिक कागज़ नहीं हैं.

किन दस्तावेजों की ज़रूरत है?

अपने धार्मिक स्थलों को सुरक्षित रखने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज अनिवार्य रूप से तैयार रखें:

  1. कंटूर मॅप (नक्शा) – स्थान की ऊंचाई, सीमाएं व स्थिति को दर्शाता है.
  2. लोकेशन मॅप – आस-पास के क्षेत्रों और संस्थानों की जानकारी सहित.
  3. कानूनी कागजात – ट्रस्ट डीड, संस्था का संविधान, उपनियम आदि.
  4. पदाधिकारियों की सूची – वर्तमान और पिछले 25 वर्षों के सदस्यों की जानकारी (आधार, पैन कार्ड सहित).
  5. राजस्व रिकॉर्ड – भूमि और संपत्ति से संबंधित सभी कागज़ात.
  6. धार्मिक संपत्ति की सूची – मंदिर, धर्मशालाएं, भूमि, मूर्तियों की जानकारी व तस्वीरें.
  7. स्थापना के प्रमाणपत्र – मंदिरों और मूर्तियों की स्थापना से संबंधित वर्ष और प्रमाण.

जैन संस्थाओं को अल्पसंख्यक दर्जा कैसे मिले?

BJS (भारतीय जैन संगठन) के Minority Knowledge Center के प्रमुख श्री नरोत्तम जुमा (अहमदाबाद) द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार:

  1. संस्था को Trust Act 1950 या Society Registration Act 1860 के अंतर्गत पंजीकृत कराएं.
  2. संविधान में स्पष्ट लिखा होना चाहिए कि यह संस्था जैन धार्मिक हितों के लिए कार्य करती है.
  3. संस्था के न्यासी बोर्ड (Board of Trustees) में कम से कम 2/3 सदस्य जैन धर्म के होने चाहिए.
  4. संविधान में यह भी उल्लेख हो कि संस्था सभी धर्मों का सम्मान करते हुए केवल जैन समाज की सेवा के लिए कार्य करती है.
  5. यदि ये बातें अब तक नहीं जोड़ी गई हैं तो संशोधन करके उन्हें जोड़ा जाए.
  6. संशोधित उपनियमों को वार्षिक सभा में पारित करें और रजिस्ट्रार को जमा करें.
  7. उसके बाद, नई अनुसूची के अनुसार दोबारा प्रमाणन (certification) कराएं.

हम सभी की जिम्मेदारी

बहुत से वरिष्ठ लोग इन कार्यों को महत्व न दें, पर यह सच्चाई है कि आज जैन धर्म के अनुयायियों की संख्या घटती जा रही है. इसका कारण हमारी ही लापरवाही रही है.

अब समय है कि हम अपने धार्मिक स्थलों का पूरा दस्तावेजीकरण करें, उसे डिजिटल रूप में भी सुरक्षित रखें ताकि भविष्य में किसी सरकारी कार्यवाही या अन्य कारणों से उनकी रक्षा की जा सके.

खुशी की बात है कि आज भी कई नवनिर्माण कार्य चल रहे हैं — मुनिराजों और आचार्यों की प्रेरणा से नई पाठशालाएं, मंदिर और शिक्षण संस्थाएं बन रही हैं. ऐसे सभी स्थलों के लिए भी दस्तावेज बनाना उतना ही ज़रूरी है.

एक निवेदन

हम सभी जैन संस्थाओं के पदाधिकारियों, सदस्यों और सेवाभावी लोगों से आग्रह करते हैं कि वे:

  • अपनी संस्था को अल्पसंख्यक दर्जा दिलाने की प्रक्रिया पूरी करें.
  • ऊपर बताए गए दस्तावेजों को तुरंत एकत्र और संरक्षित करें.
  • इस कार्य में आगे आकर समाज को सुरक्षित भविष्य दें.

इस कार्य से जुड़ने के लिए संपर्क करें:
ई. (डॉ.) प्रकाश जैन बड़जात्या, औंध, पुणे
अध्यक्ष – JESF जन-जागरूकता समिति
📞 संपर्क: 9850630326
📧 ईमेल: pbarjatia@gmail.com

इस लेख को समाज के सभी मंदिरों, स्थानकों और धार्मिक संस्थानों तक पहुँचाएं और जागरूकता फैलाएं. यही समय है संगठित होने का और भविष्य की रक्षा करने का.

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One thought on “धार्मिक स्थलों के दस्तावेज और अल्पसंख्यकों की सुविधाओं पर जन-जागरूकता

  1. It is very good information and gudelines for our jain comunity.Sir at our villege Taranagar their are a Shri Sitaknath jain Mandir eastblished in Vikram Sambat999 and we have the registred trust. But the minority department is not issuing Minority Certificate,says it is only for individual not for a trust.what should we do?

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