Tag: जैन प्रार्थना

दर्शन पाठ (संस्कृत), हिंदी अनुवाद के साथ
दर्शनं देवदेवस्य, दर्शनं पापनाशनम्। दर्शनं स्वर्गसोपानं, दर्शनं मोक्षसाधनम्॥(1) दर्शनेन जिनेन्द्राणां, साधूनां वन्दनेन च। न चिरं तिष्ठते पापं, छिद्रहस्ते यथोदकम्॥(2)
मेरी भावना | Jain Prayer
मैत्री भाव जगत में मेरा सब जीवों से नित्य रहे दीन-दुखी जीवों पर मेरे उर से करुणा स्रोत बहे दुर्जन क्रूर - कुमार्गरतों पर, क्षोभ…