भक्तामर स्तोत्र (संस्कृत)| Bhaktamar Stotra
भक्तामर स्तोत्र का जैन धर्म में बडा महत्व है. आचार्य मानतुंग का लिखा भक्तामर स्तोत्र सभी जैन परंपराओं में सबसे लोकप्रिय संस्कृत प्रार्थना है
साध्वी सिद्धाली श्री: आध्यात्मिकता और सामाजिक सक्रियता का संगम
एक आध्यात्मिक नेता के रूप में, साध्वी सिद्धाली श्री का दुनिया भर में अपने अनुयायियों पर गहरा प्रभाव है. उनकी शिक्षाएं सांस्कृतिक और धार्मिक सीमाओं…
उवसग्गहरं स्तोत्र अर्थसहित (Jain Stotra)
जिन करुणाकर आचार्य भद्रबाहु के संघ द्वारा संघ के कल्याणकारक यह उवसग्गहरं स्तोत्र निर्मित किया गया हैं, वे गुरु भद्रबाहु सदा जयवन्त हों.
क्या जैन हिन्दू है? Jain & Hindu
भारत के किसी भी प्राचीन धार्मिक या अन्य साहित्य में हिंदू इस शब्द का प्रयोग धर्म के अर्थ में किया नहीं गया है. वास्तव में…
जैन समाज की घटती हुयी आबादी ….
महावीर सांगलीकर jainway@gmail.com जैन समाज की घटती हुयी आबादी जैन धर्म के अनुयायीयों की घटती हुयी आबादी एक चिंता का विषय है. 2011 की जनगणना…
णमोकार मंत्र की विशेषताएं
इस मंत्र की एक विशेषता यह भी है कि इसमें किसी प्रकार की याचना नहीं की गई है. केवल निःस्वार्थ भाव से पंच परमेष्ठी के…
मेरी भावना | Jain Prayer
मैत्री भाव जगत में मेरा सब जीवों से नित्य रहे दीन-दुखी जीवों पर मेरे उर से करुणा स्रोत बहे दुर्जन क्रूर - कुमार्गरतों पर, क्षोभ…
Conversion: जैन मंदिरों का परिवर्तन क्यों हुआ?
ढेर सारे जैन मंदिरों का हिंदू मंदिरो में परिवर्तन हुआ इसके पीछे के असली कारण क्या है इसपर हम कब चर्चा करेंगे? देखा जाता है…