Category: जैन दर्शन
रावण : श्रमण संस्कृति का साधक और रक्षक
यह एक रोचक तथ्य है कि जिन हिंदी प्रदेशों में सामंती प्रथा और धार्मिक लुटेरों का वर्चस्व अधिक था, वहीं रावण के सबसे अधिक पुतले…
जैन दर्शन का सार
जैन दर्शन आत्मा की स्वतंत्रता को महत्व देता है, इसलिए विवेक आधारित जीवन को ही श्रेष्ठ माना गया है.बाहरी अनुशासन में डर, दबाव या परंपरा…