
आचार्य विजयानंद सूरी: एक महान जैन विद्वान और सुधारक
उनके समय में कई जैन मंदिर जीर्ण-शीर्ण हो गए थे. आचार्य विजयानंद सूरी ने भारत के विभिन्न क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण जैन मंदिरों के पुनर्निर्माण…

जैन दर्शन का सार
जैन दर्शन आत्मा की स्वतंत्रता को महत्व देता है, इसलिए विवेक आधारित जीवन को ही श्रेष्ठ माना गया है.बाहरी अनुशासन में डर, दबाव या परंपरा…

खतरे में है जैन समाज का भविष्य
जैन समाज अपना भविष्य सुरक्षित देखना चाहता है, अपनी भावी पीढ़ी को फलते-फूलते हुए देखना चाहता है तो समाज को गहरे चिंतन मनन की आवश्यकता…

बिना साधुओं और बिना मंदिरों का जैन समाज
जैन समाज में बडी संख्या में ऐसे लोग हैं जो ना मंदिर जाते हैं और ना ही साधुओं के पास जाते हैं. फिर भी उनमें…

क्यों विगन्स को जैन धर्म अपनाना चाहिए?
कई विगन्स अपनी जीवनशैली में पहले से ही जागरूकता का पालन करते हैं, लेकिन जैन धर्म एक व्यवस्थित मार्ग प्रदान करता है जो आध्यात्मिक विकास…

आचार्य शांतिसागर: दिगंबर मुनि परंपरा के अग्रदूत
आचार्य शांतिसागर जी ने जैन धर्म के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उन्हें "चरित्र चक्रवर्ती" (सद्गुणों के सम्राट), "मुनिराज" (साधुओं के राजा) और "शीलसिंधु" (आचरण…

भामाशाह: महाराणा प्रताप के सच्चे साथी
भामाशाह का जन्म 29 अप्रैल 1547 को एक प्रतिष्ठित ओसवाल जैन परिवार में हुआ था. उनके पिता भारमल मेवाड़ के राजा उदय सिंह द्वितीय के…

वनराज चावडा: जैन धर्म के संरक्षक राजा
वनराज चावडा का जीवन शुरुआत से ही संघर्षों से भरा था. कई ऐतिहासिक ग्रंथों, जैसे कि कृष्णभट्ट की रत्नमाला और मेरुतुंग की प्रबंध चिंतामणि में…
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